मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022
छापेमार कार्रवाई की जांच में आयकर विभाग के सामने बड़ा पर्दाफाश हुआ है। शहर में कुछ नामचीन लोगों द्वारा एक फर्जी रीयल एस्टेट कंपनी का संचालन किया जा रहा है। धरातल पर इस कंपनी का कोई लेखा-जोखा नहीं हैं, लेकिन फिर भी करोड़ों का निवेश इसमें हो रहा है। कागजों में ही कंपनी के संचालन पर मोटी धनराशि खर्च हो रहा है। बड़े स्तर पर इससे कर की चोरी हो रही है। अब आयकर विभाग ने इस कंपनी में निवेश करने वाले प्रमुख 10 लोगों की सूची तैयार कर ली है। चुनाव के बाद कभी भी इनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती हैं। हालांकि, अभी कंपनी व लोगों के नाम नहीं खोले गए हैं।आयकर विभाग की अलीगढ़ स्तरीय इंवेस्टिगेशन टीम ने पहली बार आगरा, मेरठ व झांसी की टीमों के सहयोग से शहर में इतने बड़े स्तर पर जांच की कार्रवाई की है। टीम को इस जांच में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इनमें सराफा कारोबार के साथ ही रीयल एस्टेट से जुड़े सुराग भी हैं। अफसरों के मुताबिक शहर में पिछले काफी समय से एक फर्जी रीयल एस्टेट कंपनी संचालित की जा रही है। इस कंपनी के लिए दिखाए गए पते पर कुछ भी नहीं हैं।विभागीय टीम इसका भी मौका मुआयना कर चुकी है। धरातल पर कंपनी न होने के बाद भी शहर के नामचीन लोग बड़े स्तर पर इसमें निवेश कर रहे हैं। करोड़ों रुपयों का इस कंपनी के नाम से लेन-देन किया जा रहा है। अफसरों ने बताया कि इस कंपनी में अधिक लेन-देन करने वाले 10 लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। इन्हें भी अब जांच के दायरे लिया जाएग।जांच में सामने आया है कि इस रीयल एस्टेट कंपनी में निवेश करने वाले अधिकांश शहर के बड़े लोग हैं। इसमें सराफा कारोबारियों के साथ भी उद्यमी व राजनीतिक लोग भी हैं। इन सभी के द्वारा इस कंपनी की आड़ में बड़े स्तर पर कर चोरी की जा रही है। इससे खूब मुनाफा भी लिया जा रहा है।
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