विशेष संवाददाता(मनीष उर्फ गोपू)
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस पर हमले के आरोपी को एडीजे कोर्ट-11 ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। आरोपी को 1 साल पूर्व शाहपुर पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था।शाहपुर थाना पुलिस ने गत 17 नवंबर 2020 को गांव काकड़ा के जंगल में मुठभेड़ के दौरान तितावी के गांव मांडी निवासी शोएब उर्फ आबिद को गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में थाने के सिपाही अमित मौर्य को बदमाश की गोली से घायल दिखाया गया था, जबकि पुलिस की गोली से शोएब भी घायल हुआ था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता यूनुस चौधरी ने बताया कि एसआई संदीप बालियान द्वारा शोएब के खिलाफ पुलिस पर कातिलाना हमला, चोरी की बाइक व तमंचा रखने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट-11 में न्यायाधीश शाकिर हसन के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाया, जिसके चलते न्यायाधीश ने उसे साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।
इस मुठभेड़ का दिलचस्प पहलू यह रहा कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन ने बदमाश शोएब उर्फ आबिद की गोली से घायल सिपाही अमित मौर्य की जो मेडिकल रिपोर्ट पेश की, वह 16 नवंबर को बनी थी, जबकि मुठभेड़ इससे अगले दिन 17 नवंबर को हुई थी। इस पर कोर्ट ने सीएचसी प्रभारी डॉ. मयंक सिंह के बयान दर्ज किए, जिसमें उन्होंने बताया कि सिपाही को 16 नवंबर को ही सीएचसी लाया गया था, जिसके बाएं हाथ में गोली लगने का घाव था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता यूनुस चौधरी ने इसी मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाकर दलील रखी कि जब मुठभेड़ 17 नवंबर को हुई थी तो सिपाही एक दिन पहले 16 नवंबर को कैसे घायल हो गया? मुठभेड़ में शोएब उर्फ आबिद को घायल कर पकड़ने वाले तत्कालीन हरसौली चौकी प्रभारी एसआई संदीप बालियान इस मुठभेड़ के बाद सस्पेंड कर दिए गए थे। दरअसल, घायल शोएब के परिजनों ने भी मुठभेड़ पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसके खिलाफ पुख्ता सबूतों के साथ अफसरों से शिकायत की थी, जिस पर एसएसपी अभिषेक यादव ने जांच बैठा दी थी। जांच में मुठभेड़ फर्जी पाए जाने की पुष्टि के पश्चात एसएसपी ने एसआई संदीप बालियान को सस्पेंड कर दिया था।
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