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शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

UP:ज्ञानवापी परिसर के तहखाने के बंद हिस्से में मंदिर के गर्भगृह का दावा, सर्वे में कई बड़े खुलासे

श्री आदिमहादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास के प्रबंध ट्रस्टी डॉ रामप्रसाद सिंह ने ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखानों में मंदिर के गर्भगृह होने का दावा किया है।उनका कहना है कि बंद पड़े तहखानों को खोलकर या मशीनों से जांच की जाए तो महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलेंगे। अदालत में यही दावा मंदिर पक्ष भी करता है। इस वजह से एएसआइ सर्वे टीम द्वारा तहखानों की जांच को बेहद अहम मानी जा रही है। चार हिस्सों में बंटा तहखाना डॉ रामप्रसाद सिंह ने कहा कि तहखाने के कई हिस्सों को दीवारों व मलबों से बंद कर दिया गया है। वह हिस्सा दक्षिणी से लेकर उत्तरी दीवार तक लंबा और पश्चिमी दीवार से परिसर के आधे हिस्से तक है। आधे हिस्से में दक्षिण दिशा में व्यास जी का कमरा, उत्तर दिशा में चार हिस्सों में बंटा तहखाना है। इन पर ताला बंद रहा है जिसकी चाबी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के पास रहती है। गर्भगृह के ऊपर ही इमारत पूरब दिशा में दीवारों से घिरा एक बड़ा हिस्सा है जो ऊपर मौजूद वजूखाने के ठीक नीचे है। वर्तमान में गर्भगृह के साथ मंदिर के गणेश मंडप, श्रृंगार मंडप, भैरव मंडप के हिस्से तहखाने में बंद हैं। गर्भगृह के ऊपर ही इमारत के शीर्ष के नीचे नमाज पढ़ने का कमरा है। विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की रिपोर्ट में इसका जिक्र है कि इस कमरे के नीचे जमीन पोली होने का एहसास होता है। एएसआइ जांच की मांग का प्रमुख आधार दक्षिण व उत्तर दिशा की ओर से उसमें सुरंग जैसी संरचना भी नजर आती है। यह तहखाने में जाने का रास्ता हो सकता है। पश्चिमी दीवार पर प्रवेश द्वार को पत्थरों से बंद किया नजर आता है। मंदिर पक्ष ने एएसआइ जांच की मांग का प्रमुख आधार ही तहखानों को बनाया था। उनका कहना कि मशीनें जब तहखानों के बंद हिस्सों के पार जांच करेगी तो निश्चित ही मंदिर का निशान मिलेगा। व्यास जी के कमरे में पड़े मलबे को हटाकर भी बंद पड़े तहखाने के हिस्से तक पहुंचा जा सकता है। तहखानों की दीवारों पर त्रिशूल, स्वस्तिक जैसी आकृति बीते वर्ष मई माह में सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मंदिर व मस्जिद पक्ष तहखाने के आधे हिस्से में दाखिल हुआ था। यहां पर कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले थे। विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की रिपोर्ट में लिखा गया है कि तहखानों की दीवारों पर त्रिशूल, स्वस्तिक जैसी आकृति और खंभों पर घंटी, फूल, पत्तियों के आकार वहां मंदिरों के शीर्ष जैसे नजर आने वाले पत्थरों के टुकड़े आदि हैं। वहां मगरमच्छ की मूर्ति व अन्य मूर्ति मिलने की चर्चा भी होती है।

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