डांग : टी.बी रोगियों को उनके उपचार के दौरान पौष्टिक और पूरक भोजन प्रदान करने के लिए, जिला प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों के दौरान ऐसे रोगियों को बड़ी सहानुभूति के साथ दत्तक लेने की अपील की थी। मानवता के इस नेक कार्य में जिला कलेक्टर श्री महेश पटेल ने स्वयं पहल की और कुछ मरीजों को दत्तक लिया। जिसके बाद जिले के अधिकारियों, पदाधिकारियों ने भी इस नेक काम में अपना योगदान दिया। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए डांग जिला प्रशासन को प्रथम बालमित्र के रूप में आहवा गीतांजलि विद्यालय की कक्षा-4 में पढ़ने वाआ एक बच्चा मिला है। जो बने 'निक्षय बाल मित्र', दो मरीजों को लिया दत्तक, किट भी दान की।
जिला क्षय रोग केंद्र की चिकित्सा अधिकारी डॉ. गरविना गामीत, जिन्होंने आहवा तालुका के गलकुंड और वांकी गांवों में इलाज करा रहे दो टी.बी रोगियों को दत्तक लेने वाले आठ वर्षीय देवम नवनाथ शेलार को निक्षय मित्र के रूप में दत्तक लिया, उन्होंने बच्चे के पिता को 'बनाया' 'निक्षय बाल मित्र'। इस बालमित्र को हर महीने (कुल 6 महीने तक) टी.बी रोगियों को पौष्टिक भोजन किट प्रदान करने की व्यापक समझ प्रदान करते हुए, मामले पर पूरी जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करके पंजीकृत किया गया था। जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. भार्गव दवे ने 'देवम' और उनके परिवार की भावना की सराहना करते हुए अपील की, कि डांग जिले में ऐसे बाल मित्र भी निक्षय मित्र बन सकते हैं, टी.बी रोगियों को दत्तक ले सकते हैं और सेवा कर सकते हैं।
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