- अमित शाह ने किया 3 कानूनों को खत्म करने का ऐलान, लोकसभा में पेश किया CrPC संसोधन बिल; जानें क्या बदलेगा | सच्चाईयाँ न्यूज़

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

अमित शाह ने किया 3 कानूनों को खत्म करने का ऐलान, लोकसभा में पेश किया CrPC संसोधन बिल; जानें क्या बदलेगा

अमित शाह ने किया 3 कानूनों को खत्म करने का ऐलान, लोकसभा में पेश किया CrPC संसोधन बिल; जानें क्या बदलेगा

केंद्र सरकार ने अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए भारतीय आपराधिक कानूनों में संपूर्ण बदलाव के लिए एक विधेयक पेश किया है। भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता से बदल दिया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आज भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन विधेयक पेश किया। इसे पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए थे। हम इसे बदल रहे हैं। इसे बदलते हुए नए कानून ला रहे हैं। अमित शाह ने जिन तीन नए कानूनों की घोषणा की है उनमें भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 शामिल है

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, "1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों के बनाए कानूनों के मुताबिक चलती थी। तीन कानूनों को बदल दिया जाएगा और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा।"

भारतीय न्याय संहिता, 2023: अपराधों से संबंधित प्रावधानों को समेकित और संशोधित करने के लिए और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023: दंड प्रक्रिया से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए।

भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023: निष्पक्ष सुनवाई के लिए साक्ष्य के सामान्य नियमों और सिद्धांतों को समेकित करने और प्रदान करने के लिए।

पुख्ता होगी जांच
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “किसी भी अपराध में जिसमें 7 साल से अधिक की सजा हो उसके लिए फोरेंसिक टीमें घटनास्थल पर होनी चाहिए, जिससे अपराध की जांच करने में सहूलियत हो। लेकिन विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि देश इसके लिए तैयार नहीं है, लेकिन हम 2027 तक देश की सभी अदालतों को कम्प्यूटरीकृत करना चाहते हैं। हमने जीरो-एफआईआर को एक विशेष स्थान दिया है और आजादी के 75 साल बाद ऐसा पहली बार हुआ है। दुष्कर्म के आरोप में वीडियो रिकार्डेड बयान अनिवार्य कर दिया गया है। पहली बार सामुदायिक सेवा शुरू की जा रही है, यह बहुत प्रासंगिक नहीं है लेकिन अब इसे अधिनियमित किया जाएगा।”

नहीं होगी कार्रवाई में देरी


गृह मंत्री ने आगे कहा कि पुलिस अधिकारी भी अब जांच में देरी नहीं कर पाएंगे, उन्होंने आगे कहा, "हमने सुनिश्चित किया है कि 90 दिनों में आरोप पत्र दायर किया जाएगा और केवल अदालत उन्हें 90 दिन और बढ़ा सकती है, लेकिन 180 दिनों के भीतर पुलिस ने इन नए कानूनों के तहत जांच करने के लिए बाध्य होंगे। यहां तक ​​कि न्यायाधीश भी किसी भी दोषी के लिए अपनी सुनवाई और आदेश में देरी नहीं कर सकते हैं।"

एक टिप्पणी भेजें

Whatsapp Button works on Mobile Device only

Start typing and press Enter to search

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...